Air Purifier: अब आपकी कार से होगी दिल्ली की प्रदूषित हवा साफ, मार्केट में लॉन्च हुआ ये डिवाइस!

Car Air Purifier Innovation : दुनिया के प्रदूषित शहरों की बात करें तो उस सूची में भारत के कई शहर मानो थोक में एक साथ शामिल हो जाते हैं. ऐसे में देश के कई तकनीकि संस्थान, सरकार और तमाम कंपनियां प्रदूषण की जहरीली हवा से इंसानों को बचाने के लिए लगातार कुछ न कुछ नया प्रयोग कर रहे हैं. कुछ ऐसी ही मुहिम में पश्चिम बंगाल ने अपनी बसों पर एक ऐसा सिस्टम लगाया है, जो प्रदूषण कम करता है. अब मुंबई ने अपनी बेस्ट बसों के लिए ऐसे 100 एयर प्यूरीफायर सिस्टम मंगाए हैं. वहीं दिल्ली की बात करें तो यहां की कुछ गाड़ियों में एक ऐसा डिवाइस लग चुका है, जिससे उस कार में शुद्द हवा पैदा करने की ताकत है. अब यही ताकत आपकी कार को भी हासिल हो सकती है.
यानी वो कारें और वो वाहन जो प्रदूषण को बढ़ाने का सबसे बड़ा कारण हैं, अगर वही कारें प्रदूषित हवा को साफ करने लगें तो दिल्ली समेत किसी भी शहर की हवा को साफ किया जा सकता है. मुंबई ने इस साल रिक़ॉर्डतोड़ प्रदूषण के बाद बेस्ट बसों के लिए 100 एयर प्यूरीफायर मंगवाएं हैं जो जल्द ही मुंबई की हवा साफ करने का काम करेंगे.
ये काम कैसे होगा - सबसे पहले हम आपको ये समझाते हैं: किसी भी साधारण कार के उपर ये हेपा फिल्टर लगा हुआ एयर प्यूरीफिकेशन सिस्टम लगाया जा सकता है. पूरी तरह से डिटेचेबल ये सिस्टम कार के चलते ही अपना काम करने लगता है. इसे बनाने वालों का दावा है कि एयर क्वालिटी इंडेक्स 450 हो तो 50 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड पर चलती हुई कार अपने आसपास के प्रदूषण को 450 से घटाकर शून्य कर सकती है.
एक बार में 6000 किलोमीटर तक ये सिस्टम बिना रुके काम कर सकता है. हालांकि ये इस बात पर भी निर्भर करेगा कि हवा में कितना प्रदूषण मौजूद है? और सड़कों पर ऐसे सिस्टम वाली कितनी गाड़ियां दौड़ रही हैं?
PM 2.5 कणों का खेल होगा खत्म?: सड़क पर दौड़ रही गाड़ी को हवा की जो स्पीड मिलती है, उसी का इस्तेमाल करते हुए ये फिल्टर हवा में मौजूद धूल के बारीक PM 2.5 कणों को सोख लेता है. इस सिस्टम को IIT के रिसर्चरों ने महरौली गुड़गांव रोड और नेशनल हाइवे NH-8 पर पूरे एक महीने तक टेस्ट किया. उनकी गाड़ी पर लगे फिल्टर ने प्रदूषण को कम करने का काम किया. चेक करने के लिए एक फिल्टरेशन सिस्टम को सड़क पर लगाकर भी छोड़ा गया. लेकिन जांच में ये भी पता चला कि ये सिस्टम चलती गाड़ी से मिल रही हवा की रफ्तार के साथ कारगर हो रहा है.
सरकार ने इनोवेशन को दी मंजूरी: आईआईटी से पढ़े अमित भटनागर ने शुद्द वायु नाम का एक ऐसा सिस्टम तैयार किया है. जिसे आईआईटी के वैज्ञानिकों ने सौ फीसदी कारगर बताया है. इस सिस्टम को विज्ञान और प्रोद्योगिकी मंत्रालय ने भी क्लीन चिट दे दी है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण कंट्रोल बोर्ड ने भी इस सिस्टम को कारगर बताया है. अब इंतज़ार इस बात का है कि इसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट का हिस्सा बनाया जाए.
दिल्ली के करीब 30% वाहनों पर इस डिवाइस का होना जरूरी: लेकिन दिल्ली का प्रदूषण साफ करने में ये तकनीक तभी कामयाब हो सकती है. जब दिल्ली के 30 फीसदी वाहनों पर ये सिस्टम काम कर रहा हो. बनाने वालों की कोशिश है कि सरकार इसे सार्वजनिक परिवहन जैसे सभी बसों और ओला-उबर के लिए अनिवार्य कर दे जिससे दमघोंटू हवा कुछ साफ हो सके.
पश्चिम बंगाल सरकार ने चलाया पायलट प्रोजेक्ट: फिलहाल इसे पश्चिम बंगाल सरकार ने 20 बसों पर पायलट प्रोजेक्ट के तहत लगाया है. इस एयर प्यूरीफायर को बनाने वालों का कहना है कि इस सिस्टम को पॉल्यूशन मीटर लगाकर चेक किया तब 400 से ऊपर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) घटकर नीचे आते हुए 10 पर आ गया.
खर्चा भी जान लीजिए: साधारण कार पर ये सिस्टम 10 हज़ार रुपए में लगाया जा सकता है. एक बार लगाने के बाद साधारण प्रदूषण की हालत में ये सिस्टम 6 हज़ार किलोमीटर तक बिना मेंटनेंस के काम कर सकता है. उसके बाद फिल्टर को साफ करने और बदलने की जरुरत पड़ सकती है जिसका खर्च तकरीबन 1 हजार रुपए आ सकता है.
दिल्ली की दमघोटू हवा को देखते हुए एक कार के लिए 10 हज़ार की लागत ज्यादा नहीं लगती. हालांकि ये टेक्नीक तभी बेहतर नतीजे दिखा सकती है जब ज्यादा से ज्यादा गाड़ियां इस प्यूरीफायर के साथ सड़कों पर दौड़ रही हों.