Hyundai,Honda और Nissan कंपनिया फेला रही है प्रदूषण, आइए जानते है इसके बारे मे!

Emission Norms: देश के कई शहर प्रदूषण से जूझ रहे हैं. इसी बीच केंद्र सरकार ने कार बनाने वाली कंपनियों- हुंडई, किआ, होंडा कार्स, रेनो, स्कोडा ऑटो, फॉक्सवैगन इंडिया और निसान का फ्लीट उत्सर्जन निर्धारित स्तर से ज्यादा पाया.
 
Pollution from car


Carmakers Face Penalties: देश के कई शहर प्रदूषण से जूझ रहे हैं. इसी बीच केंद्र सरकार ने कार बनाने वाली कंपनियों- हुंडई, किआ, होंडा कार्स, रेनो, स्कोडा ऑटो, फॉक्सवैगन इंडिया और निसान का फ्लीट उत्सर्जन निर्धारित स्तर से ज्यादा पाया. इसके लिए इन कंपनियों पर जुर्माना लगाया जा सकता है. टाइम्‍स ऑफ इंड‍िया में प्रकाश‍ित खबर के अनुसार, ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (बीईई) इस उल्लंघन के लिए कंपनियों के खिलाफ सैकड़ों करोड़ रुपये के जुर्माना की सिफारिश की है.

टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (बीईई) ने किआ पर 373 करोड़ रुपये का जुर्माना, हुंडई पर 369 करोड़, होंडा पर 103 करोड़, रेनो पर 75 करोड़, स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन पर 59 करोड़, निसान मोटर्स पर 41 करोड़ और फोर्स मोटर्स पर 70 लाख रुपय के जुर्माने की सिफारिश की है. इन कंपनियों का फ्लीट उत्सर्जन जनवरी-मार्च 2023 अवधि में निर्धारित स्तर से ज्यादा रहा.

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रिपोर्ट के अनुसार, इस समय अवधि में किआ का फ्लीट उत्सर्जन निर्धारित स्तर से करीब 7.730 यूनिट ज्यादा रहा. इसके अलावा, हुंडई का 4.493 यूनिट, होंडा का 16.936 यूनिट, रेनो का 14.799 यूनिट, स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन का 1.178 यूनिट, निसान मोटर्स का 15.040 यूनिट फोर्स मोटर्स का 45.900 यूनिट ज्यादा फ्लीट उत्सर्जन (निर्धारित स्तर) रहा.

गौरतलब है कि कॉर्पोरेट एवरेज फ्यूल इकोनॉमी (CAFE) मानदंडों को अपडेट किया गया था, जो इस साल जनवरी से लागू है. मानदंडों के तहत कार्बन डाई ऑक्साइड के कुल उत्सर्जन पर सीमाएं निर्धारित की जाती हैं, इन्हें इंडिविजुअल मॉडलों के वजन और बेची गई यूनिट्स के आंकड़ों को ध्यान में रखकर तय किया जाता है.

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