नया तेल लेगा डीजल की जगह! सस्ते दाम मे करेगा प्रदूषण कम; आइए जानते है क्या है ये MD-15

MD-15 फ्यूल भारतीय रेलवे के डीजल इंजनों का भविष्य हो सकता है. भारतीय रेलवे के टेक्निकल एडवाइजर रिसर्च डिजाइन और स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (RDSO) ने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) के सहयोग से एक स्पेशल किफायती फ्यूल डेवलप किया है, जो न केवल भारतीय रेलवे की डीजल पर निर्भरता को कम करेगा बल्कि प्रदूषण भी कम करेगा. टेस्टिंग करने वाले RDSO के अधिकारियों ने कहा, "स्पेशल फ्यूल MD-15 यानी मेथनॉल डीजल-15, लगभग 24 करोड़ लीटर डीजल की वार्षिक खपत को बचाएगा, जिसकी राशि 2,280 करोड़ रुपये है." वर्तमान में भारतीय रेलवे सालाना लगभग 160 करोड़ लीटर डीजल की खपत करता है.
What is MD-15?
RDSO के रिसोर्स एंड टेस्टिंग के मुख्य कार्यकारी निदेशक अनिरुद्ध गौतम ने कहा, "हमने भारत सरकार के मेथनॉल मिशन के तहत इस फ्यूल पर काम करना शुरू किया, जिसका उद्देश्य फ्यूल के रूप में डीजल पर भारतीय रेलवे की निर्भरता को कम करना था. हालांकि, नया फ्यूल 15 प्रतिशत मेथनॉल के साथ मिश्रित डीजल है.
उन्होंने कहा, "यह (मेथनॉल और डीजल को मिलाना) उतना आसान नहीं है जितना लगता है क्योंकि मेथनॉल को सीधे डीजल में नहीं मिलाया जा सकता है. इसलिए, हमने डिटेल रिसर्च की और इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि मेथनॉल और डीजल के मिश्रण के लिए कुछ अन्य एडिटिव्स भी जोड़ने की जरूरत है.
गौतम ने कहा, "हमने IOCL को फ्यूल की अपेक्षित और सही कम्पोजिशन के बारे में बताया ताकि इसे मौजूदा डीजल इंजनों के अनुकूल बनाया जा सके." उन्होंने कहा, "हमारी जरूरत के आधार पर IOCL ने 71% मिनिरल डीजल और 15% मेथनॉल के साथ 14% एडिटिव्स (IOCL द्वारा विकसित) जोड़कर कम्पोजिशन को तैयार किया."
उन्होंने कहा, "यह पाया गया कि स्पेशल फ्यूल MD-15, डीजल की तुलना में ज्यादा कुशल पाया गया. MD-15 फ्यूल का परीक्षण करते समय हमने पाया कि सिलेंडर के तापमान सभी नॉचों पर कम था. इससे इंजन कम्पोनेंट्स की लाइफ पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा. NOx उत्सर्जन काफी कम था, जिससे हानिकारक प्रदूषकों में कमी आई, जो धुंध और प्रदूषण का कारण बनते हैं."