ये है विश्व का सबसे बड़ा जानवर, आइए जानते ही उसके बारे मे!

General Knowledge: जलीय जीवों का जीवन से जुड़ी कई बातें हैं, जो बेहद रोचक हैं. इन्हीं में से एक है ब्लू व्हेल, जिसके बारे में अब भी साइंटिस्ट खोज कर रहे है. यहां जानिए ब्लू व्हेल जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें, जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं.  
 
 
Biggest Animal in the World

Interesting Facts About Blue Whale: समंदर में आज भी अनगिनत रहस्य छिपे हुए हैं, जिनकी तह तक पहुंचने में वैज्ञानिक लगे हैं. साइंस ने इतनी तरक्की कर ली है कि आज इंसान चांद पर अपनी दुनिया बसाने में कामयाब होने के करीब है, लेकिन अब भी समंदर के अंदर की दुनिया हमारे लिए रहस्यमयी ही है.
यहां ऐसे जीव-जंतु मौजूद हैं, जिनके बारे में अब भी बहुत कुछ नहीं पता लगाया जा सका है. इसी क्रम में आज हम बात करेंगे दुनिया के सबसे विशालकाय जानवर ब्लू व्हेल फिश के बारे में. आज हम इससे जुड़ी की दिलचस्पी बातें आपको बताने जा रहे हैं... 

ब्लू व्हेल है दुनिया का सबसे बड़ा जीव:
दुनिया का सबसे बड़ा और अनोखा जानवर है अंटार्कटिका ब्लू व्हेल, जो समंदर पर राज करती है. ब्लू व्हेल अटलांटिक महासागर, नॉर्थ पैसेफिक, दक्षिणी सागर, हिंद महासागर और दक्षिण प्रशांत महासागर में पाई जाती हैं. 

ब्लू व्हेल का वजन:
ब्लू व्हेल का वजन तकरीबन 4,00,000 पाउंड है. एक व्‍हेल 33 हाथियों के बराबर वजनी होती है. यह करीब 98 फीट लंबी होती है. इसकी जीभ का वजन ही एक हाथी के बराबर का होता है.  

आकार:
ब्लू व्हेल का आकार डायनासोर से भी बड़ा होता है. एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि डायनासोर के सबसे बड़े कंकाल की लंबाई 27 मीटर थी. वहीं, एक ब्लू व्हेल फिश का आकार 30 मीटर या फिर इससे भी ज्यादा होता है.  

ब्‍लू व्‍हेल के बारे में इंट्रेस्टिंग फैक्ट:
-यह एक ऐसा स्तनधारी जीव है, जो न केवल धरती पर सबसे बड़ा जानवर है, बल्कि इसकी आवाज भी दुनिया में सबसे तेज है. 
-ब्‍लू व्हेल की आवाज किसी जेट इंजन से भी ज्‍यादा तेज है. इसकी धीमी आवाज को भी सैंकड़ों मील दूर से सुना जा सकता है. 
-एक जेट इंजन 140 डेसीबल की ध्‍वनि, जबकि व्‍हेल 188 डेसीबल तक की ध्‍वनि पैदा कर सकती है. 
-ब्‍लू व्‍हेल की उम्र भी काफी लंबी होती है, यह तकरीबन 80-90 साल तक जिंदा रहती है.
-व्हेल के दिल का आकार एक कार जितना बड़ा होता है. अब आप अंदाजा लगा ही सकते हैं कि क्यों यह धरती की सबसे बड़ा जानवर है. 
-इस मछली के अंदर गिल्स नहीं होते है, बल्कि इंसानों की तरह फेफड़े होते है, इसलिए व्हेल को हर मिनट में पानी की सतह पर सांस लेने आना पड़ता है.

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