लोग अपना सब कुछ छोड़ रहे है UPSC के लिए, कई अधिकारियों ने छोड़ा IAS का पद Entrepreneur बनने के लिए

IAS Become Entrepreneurs: यहाँ हम आपको अपने देश के कुछ इसे अधिकारियों के बारे मे बताने जा रहे है, जिन्होंने UPSC मे सफलता पाने के लिए अपने IAS के पद को त्याग दिया
 
Success Story of Indian IAS Officer

IAS Officers Become Entrepreneurs: आईएएस अधिकारी  का पद भारत में सबसे प्रतिष्ठित पदों में से एक होता है. देश के ज्यादातर युवा यूपीएससी पास करके सिविल सर्विस जॉइन करने की ख्वाहिश रखते हैं.  वहीं, कुछ अधिकारी ऐसे भी होते हैं, जिन्हें यहां पहुंचकर भी कुछ अधूरा सा लगता है और वो किसी और फील्ड में करियर बनाने के लिए अपनी अच्छी-खासी सरकारी नौकरी तक छोड़ देते हैं.
सबसे पहले बात करते हैं सैयद सबाहत अजीम के बारे में, जो एक डॉक्टर और 2000 बैच के पूर्व आईएएस अधिकारी हैं. इन्होंने किफायती स्वास्थ्य सेवा श्रृंखला 'ग्लोकल हेल्थकेयर सिस्टम' लॉन्च करने के लिए अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया. अपने पिता की असामयिक मृत्यु के कारण एक प्रशिक्षित मेडिकल डॉक्टर अजीम को जुलाई 2010 में ग्लोकल लॉन्च करना पड़ा.  उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान बताया, "मेरे पिता की मृत्यु अनावश्यक उपचार के कारण हुई. मैंने सोचा अगर एक डॉक्टर और आईएएस अधिकारी के साथ ऐसा हो सकता है, तो दूसरों के साथ क्या होगा?". इसलिए उन्होंने इस विचार पर काम करना शुरू कर दिया.
ग्लोकल 11 अस्पतालों की श्रृंखला चलाता है. छोटे शहरों में लागत प्रभावी स्वास्थ्य देखभाल के लिए प्रक्रियाओं और डिजाइन में नवाचार पर निर्भर करता है. डॉ अजीम के मुताबिक प्रत्येक ग्लोकल हॉस्पिटल 15 करोड़ रुपये में बनता है, जो नियमित 100 बिस्तरों वाले अस्पताल की लागत का आधा है.

 प्रवेश शर्मा
प्रवेश शर्मा 1982 बैच के मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी हैं, जो 34 साल के करियर के बाद 2016 में स्वेच्छा से सेवानिवृत्त हुए. इसके बाद, उन्होंने सब्ज़ीवाला नामक एक स्टार्ट-अप डाला. यह एक खुदरा फल और सब्जियों की श्रृंखला है, जो किसानों से सीधे उपभोक्ताओं तक गुणवत्तापूर्ण ताजा उपज पहुंचाती है और सुनिश्चित करती है कि सभी को उचित मूल्य मिले.

राजन सिंह
आईआईटी कानपुर के इस स्नातक ने यूपीएससी सिविल सेवा पास की और 3 साल तक तिरुवनंतपुरम के पुलिस आयुक्त के रूप में कार्य किया. हालांकि, 8 साल की सेवा के बाद, एक अलग रास्ते पर चलने की चाहत उन्हें कॉर्पोरेट जगत तक ले गई, जहां कुछ बड़े नामों के लिए काम करने के बाद साल 2016 में उन्होंने कॉन्सेप्टऑउल शुरू किया, जो छात्रों को प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी में मदद करने के लिए एक शिक्षक रहित ऑनलाइन-इन-क्लास शैक्षणिक मंच है.

रोमन सैनी
रोमन ने 16 साल की उम्र में एम्स प्रवेश परीक्षा पास की और 18 साल से पहले एक प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल में एक शोध पत्र प्रकाशित किया. इतना ही नहीं एमबीबीएस करने के बाद उन्होंने मनोचिकित्सा में एनडीडीटीसी में जूनियर रेजिडेंट के रूप में काम किया. यहां से इस्तीफा देने के छह महीने के अंदर उन्होंने अपने पहले प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2014 पास की.

वह उस समय सबसे कम उम्र के आईएएस थे और मध्य प्रदेश में कलेक्टर के रूप में नियुक्त हुए थे. रोमन ने प्रशासनिक सेवाओं से इस्तीफा देकर उद्यमी बनना चुना.  Unacademy, एक ऐसी वेबसाइट जो आईएएस उम्मीदवारों के लिए मुफ्त ऑनलाइन कोचिंग, वेबिनार, ट्यूटोरियल और प्रेरक भाषण प्रदान करती है.
 

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