मंडी में रोजाना पहुंच रहे 20 से 25 किसान, दो हजार लग रहे बाजरे के दाम

NODPOT NEWS जिला मुख्यालय की मंडी में किसानों के बाजरे की आवक शुरू हो गई है। रोजाना ही मंडी में 20 से 25 किसान बाजरा की फसल लेकर आ रहे हैं, मगर अभी तक सरकार की तरफ से एमएसपी पर खरीद का कोई शेड्यूल जारी नहीं हुआ है। किसान बाजरा की फसल बेचकर खेत में अगली फसल के लिए बीज, खाद खरीद की तैयारी में जुटे हैं। मंडी में आने वाले किसानों को दो हजार से ज्यादा बाजरे का भाव नहीं मिल रहा है जबकि सरकार की तरफ से इस बार बाजरे का एमएसपी करीब 2500 रुपये जारी किया है।
भिवानी मंडी में खरीद को लेकर भी अभी कोई पुख्ता तैयारी तक नहीं हैं वहीं खरीद एजेंसियों का भी कोई अता पता नहीं है। भिवानी जिले में एक लाख 62 हजार किसानों ने अपनी खरीफ फसल का रजिस्ट्रेशन मेरी फसल मेरा ब्योरा पर कराया हुआ है। जिले में एक लाख एकड़ में बाजरा बिजाई किया गया है, जबकि डेढ़ लाख एकड़ में कपास की बिजाई भी इस बार किसान कर चुके हैं। लेकिन मौसम की बेरुखी और मानसून की कमी से किसानों को फसल उत्पादन में भी दिक्कतें आ रही हैं। जिन किसानों ने बाजरा की अगेती बिजाई की थी, वे किसान अब मंडी का रुख कर रहे हैं। लेकिन एमएसपी के बावजूद किसानों की मंडी में सरकारी खरीद नहीं हो रही है।
बाजरे की अच्छी है फसल
हमारे भाइयों का साझे में खेत है।, मगर मंडी आने के बाद पता चला कि यहां तो बाजरे का भाव ही दो हजार से ऊपर नहीं है। जबकि एमएसपी 2500 होने की बात कही जा रही है। प्रति क्विंटल पांच सौ रुपये का नुकसान झेलना पड़ेगा। प्राइवेट बोली में भी बाजरे का ज्यादा भाव नहीं मिल रहा है। कब तक सरकारी खरीद होगी कब तक फसल बिकेगी, यह भी निश्चित नहीं है। मुझे अगली फसल बिजाई भी करनी है, ज्यादा दिन इंतजार नहीं कर सकते।
मंडी में व्यवस्थाएं की जा चुकी हैं,
मंडी में अभी तक सरकार की तरफ से बाजरा खरीद का शेड्यूल नहीं आया है। मंडी में जो किसान पहुंच रहे हैं, उनकी फसल की प्राइवेट बोली कराई जा रही है। जैसे ही शेड्यूल आएगा, संबंधित एजेंसियों के माध्यम से बाजरा की खरीद कराई जाएगी।