भारत और आर्मेनिया मे हो रहे संबंध मजबूत, पाकिस्तान को डरा रहा भारत की दुनिया से दोस्ती का डर! कश्मीर पर फिर उगला जहर

Nodpot News इस्लामाबाद/ताशकंद: भारत और आर्मीनिया में बढ़ती दोस्ती के बीच अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलियेव ने उज्बेकिस्तान में पाकिस्तान के केयर टेकर प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर से मुलाकात की है। अभी कुछ दिनों पहले ही पाकिस्तान के सबसे शक्तिशाली इंसान आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर ने अचानक से अजरबैजान का दौरा किया था। अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम और पाकिस्तान के केयरटेकर प्रधानमंत्री काकर ने जम्मू कश्मीर को लेकर जहर उगला है। उन्होंने पाकिस्तान और अजरबैजान के बीच रिश्तों को मजबूत करने पर जोर दिया। अजरबैजान के राष्ट्रपति ने यह मुलाकात ऐसे समय पर की है जब भारत ने हाल ही में आर्मीनिया को पिनाका रॉकेट से लेकर कई हथियारों की सप्लाई की है।
पाकिस्तान चाहता है कि अज़रबैजान कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ बोले
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक अजरबैजान के राष्ट्रपति उज्बेकिस्तान में आयोजित आर्थिक सहयोग संगठन की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि इस मुलाकात के दौरान गाजा और कश्मीर में मानवीय हालात पर चर्चा हुई। इसके अलावा बातचीत का मुख्य फोकस रक्षा, व्यापार और ऊर्जा सहयोग पर था। पाकिस्तानी पीएम ने आर्मीनिया को संदेश दे देते हुए कहा कि उनका देश अजरबैजान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता खासकर नगर्नो कराबाख को लेकर अपना पूरा समर्थन देता रहेगा।
आर्मीनिया, भारत और ईरान तीनों ही देश एक-दूसरे के अच्छे दोस्त
दरअसल, अजरबैजान ने पाकिस्तान और तुर्की के हथियारों की मदद से आर्मीनिया से नगर्नो कराबाख को छीन लिया है। अजरबैजान को पाकिस्तान ने केवल हथियार दिए बल्कि उसे सैन्य प्रशिक्षण भी दिया है। पाकिस्तान के रॉकेट लॉन्चर सिस्टम अजरबैजान की सेना में शामिल हैं। पाकिस्तान, तुर्की और अजरबैजान की इस तिकड़ी को मात देने के लिए आर्मीनिया ने भारत और ईरान के साथ हाथ मिलाया है। आर्मीनिया ने भारत से पिनाका रॉकेट सिस्टम खरीदा है। यही नहीं भारत से तोप और एंटी ड्रोन सिस्टम भी आर्मीनिया खरीद रहा है।
अज़रबैजान ने कहा है कि कश्मीर भारत-पाकिस्तान का द्विपक्षीय मुद्दा है
इससे पहले जंग के दौरान अजरबैजान को तुर्की से मिले टीबी-2 ड्रोन ने आर्मीनिया में तबाही मचाई थी। यही नहीं आर्मीनिया अब ईरान में भारत के बनाए चाबहार पोर्ट को भी इस्तेमाल करना चाहता है। नगर्नो कराबाख की लड़ाई के दौरान पाकिस्तान ने खुलकर अजरबैजान का समर्थन किया था। इसके बदले में अजरबैजान ने कश्मीर पर पाकिस्तान का समर्थन किया है। यही नहीं अजरबैजान ने भारत के आर्मीनिया को हथियार देने पर भी कड़ी आपत्ति जताई है। अब अजरबैजान तुर्की के साथ मिलकर पाकिस्तान संग दोस्ती को बढ़ा रहा है।