देश के इस मेले मे फिल्मों सितारों के नाम पर बिकते है गधे-खच्चर, दाम सुनकर होश उड़ जाएंगे!
Chitrakoot Fair: व्यापारी अपने गधों के नाम भी फिल्मी सितारों के नाम पर रखते हैं. इस बार मेले में सलमान, शाहरुख, रणबीर, ऋतिक, कैटरीना, सैफ, जिया और मजनू नाम के गधे पहुंचे थे.
Tue, 14 Nov 2023

Chitrakoot Ass and Mule fair: राजस्थान में ऊंट का मेला लगता है तो बिहार में सभी जानवरों का मेला लगता है. लेकिन क्या आपने कभी गधों का मेला देखा है? यह मेला उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी चित्रकूट में लगता है. इस ऐतिहासिक गधा मेले का आयोजन दिवाली के अवसर पर किया जाता है. मेले में लाखों की कीमत पर गधों की बोली लगती है, जिसे सुनकर हैरान रह जाएंगे. इतना ही नहीं व्यापारी अपने गधों के नाम भी फिल्मी सितारों के नाम पर रखते हैं. इस बार मेले में सलमान, शाहरुख, रणबीर, ऋतिक, कैटरीना, सैफ, जिया और मजनू नाम के गधे पहुंचे थे.
चित्रकूट में गधों का मेला दिवाली के दूसरे दिन सजता है. सोमवार (13 नवंबर) को मेले में सलमान नाम का खच्चर सबसे महंगा बिका, जिसकी कीमत 1.5 लाख रुपये लगी. सलमान नाम का खच्चर बिहार से आया था. ठेकेदार की मानें तो इस साल कैटरीना नाम की गधी 40 हजार रुपये में बिकी है. व्यापारियों का मानना है कि बॉलीवुड कलाकारों का नाम देने से गधों की बिक्री बढ़ जाती है और उनकी कीमत भी ज्यादा लगती है. बता दें कि मेले में उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और बिहार के गधे और खच्चर आते हैं. वहीं, देशभर से खरीददार यहां पहुंचते हैं.
मुगलकाल से जुड़ा है इस मेले का इतिहास: चित्रकूट का यह ऐतिहासिक मेला मुगल कालीन माना जाता है. बताया जाता है कि मुगल शासक औरंगजेब ने पहली बार यहां गधों, खच्चर और घोड़ों का मेला आयोजित कराया था. यह मेल दीपावली की चौदस तिथि से परीवा तिथि तक तीन दिन तक लगता है. ऐसी मान्यता है कि जब औरंगजेब ने बालाजी मंदिर में मूर्ति तोड़ी थी तो उसकी सेवा में लगे हाथी और घोड़े बीमार हो गए थे. इसके बाद औरंगजेब ने मंदाकिनी नदी के किनारे बालाजी मंदिर के पास में ही गधों और खच्चरों का मेला लगवाया था. तब से यह मेला आज भी लगता आ रहा है.
व्यापारियों ने बताया कि तीन दिन तक चित्रकूट में यह मेला चलता है. मेले में कई राज्यों के व्यापारी अपने गधे, घोड़े और खच्चर लेकर पहुंचते हैं. मेले में इन जानवरों की बोली लगती है और तीन दिन में अच्छा खासा कारोबार भी हो जाता है. इस मेले के आयोजन की जिम्मेदारी नगर पंचायत चित्रकूट की होती है. नगर पंचायत व्यापारियों के लिए स्थान उपलब्ध कराने के साथ ही पीने के पानी और तंत्र आदि की भी व्यवस्था करती है.
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