ईरान ने भारतीय जहाज को अगवा करने में हूतियों की मदद की, जाने क्यों घूमी शक की सुई

Nodpot News यमन के हूती विद्रोहियों ने रविवार को लाल सागर में तुर्की भारत आ रहे इजरायल से जुड़े एक मालवाहक जहाज को अगवा कर लिया। इजरायल ने कहा है कि जहाज तुर्की के कोरफेज से भारत के पिपावाव की ओर जा रहा था। इसी बीच हूतियों ने इसे अपने नियंत्रण में ले लिया। इस पूरे घटनाक्रम में ईरान की ओर भी शक की सुईं घूम रही है। इसकी वजह ये है कि वहां ईरान की कड़ी निगरानी है। ईरान के जहाज के पास से गुजरने के बाद ये घटना हुई। ऐसे में ईरान की तरफ इसका शक जा रहा है।
जहाज पर तैनात क्रू में अलग-अलग देशों के 25 सदस्य
तेल अवीव:रक्षा विशेषज्ञ एचआई सटन ने एक ट्वीट में कहा है कि इजरायल से जुड़ा जहाज गैलेक्सी लीडर यमन में हूती विद्रोहियों द्वारा जब्त किए जाने से कुछ समय पहले लाल सागर में तैनात ईरानी आईआरजीसी के फॉरवर्ड बेस जहाज के करीब से गुजरा था। यहां आईआरजीसी के जहाज काफी समय से तैनात हैं। ऐसे में इसी जहाज से हूतियों की मदद होने का शक है।
साविज को हूतियों की मदद के लिए तैनात किया गया है?
ईरान ने कार्गो शिप साविज को लाल सागर में निगरानी, कमांड और संपर्क बेस के रूप में किया है। कई रक्षा विशेषज्ञों के विश्लेषण से पता चलता है कि इसे मुख्य रूप से यमन में गृहयुद्ध में लड़ रही हूती नौसेना के समर्थन के लिए तैनात किया गया है। साविज को हाल तक एक कार्गो वाहक के रूप में संचालित किया जा रहा था, अब इसे कवर ऑपरेशन में इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि इसकी पहचान मालवाहक जहाज के रूप में ही है। यह जहाज एआईएस (स्वचालित पहचान प्रणाली- टक्कर से बचने के लिए उपयोग किए जाने वाले ट्रांसमिशन) के साथ लाल सागर में यातायात की निगरानी करने वाली स्थिति में तैनात है।
इजरायल ने कहा- ये वैश्विक स्तर पर एक गंभीर घटना
ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में हाल के सालों में कई खतरे पैदा किए हैं। उन्होंने 1 अक्टूबर 2016 को संयुक्त अरब अमीरात के नौसैनिक परिवहन एचवीएस-2 स्विफ्ट पर एंटी-शिप मिसाइल से हमला किया था। उन्होंने अमेरिकी नौसेना के युद्धपोतों को भी निशाना बनाया। 30 जनवरी 2017 को उन्होंने रिमोट नियंत्रित विस्फोटक नाव से सऊदी फ्रिगेट अल मदीना (702) को टक्कर मार दी। 2017 में ही साविज भी इसमें शामिल हुआ होगा। ये भी माना जा रहा है कि साविज ने ही हूतियों को खुफिया जानकारी प्रदान करते हुए इन हमलों में सक्रिय भूमिका निभाई हो। अब जबकि इजरायल से जुड़ा से जहाज लाल सागर से अगवा हुआ है तो फिर ईरान की ओर शक की सुई घूम रही है।