नव-निर्वाचित मोहम्मद नशीद ने राष्ट्रपति पद की शपथ से पहले दिया बड़ा बयान, भारतीयों की जगह चीन को नहीं देगा मालदीव

मालदीव में हुए चुनाव में मोहम्मद मुइज्जू ने राष्ट्रपति पद के लिए जीत हासिल की शुक्रवार को वह शपथ लेने जा रहे हैं चुनाव जीतने के बाद मुइज्जू ने भारतीय राजदूत से कहा था कि मालदीव से भारतीय सैनिकों को हटाना होगा उनका रुख भारत के प्रति सकारात्मक नहीं लग रहा था।
 
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Nodpot News मालदीव के निर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू ने एक बार फिर दोहराया है कि उनके पदभार संभालने के बाद भारतीय सैनिकों को देश से जाना ही होगा। हालांकि उन्होंने ये भी साफ किया है कि भारतीय सैनिकों की जगह चीनी सैनिक नहीं लेंगे। मोइज्जू ने इस बात को भी खारिज कर दिया कि वह चीन के बहुत करीब हैं। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि भारतीय सैनिक हमारे देश से चले जाएं ताकि किसी अन्य देश को अपनी सैन्य टुकड़ियां यहां लाने के लिए जगह मिल सके। उन्होंने साफ किया कि वह सिर्फ मालदीव के समर्थक हैं और चीन या किसी अन्य देश को भारतीय सैनिकों की जगह लेने की इजाजत नहीं देंगे।

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17 नवंबर को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे मोइज्जू

 

माले:नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोइज्जू ने हिंद महासागर द्वीपसमूह में प्रतिद्वंद्विता पर कहा कि मालदीव इस मुकाबले में जाने के लिहाज से बहुत छोटा देश है। ऐसे में मुझे मालदीव की विदेश नीति में इसे शामिल करने में कोई खास दिलचस्पी नहीं है। हम भारत, चीन और दूसरे सभी देशों के साथ मिलकर काम करने जा रहे हैं। हमने मालदीव की बेहतरी के लिए सभी के साथ मिलकर चलने का फैसला लिया है।


भारत के सैनिकों की वापसी के लिए करेंगे बात

मोइज्जू ने कहा कि उन्हे 50 से 75 भारतीयकर्मियों की वापसी को संवेदनशील मुद्दा माना है। उन्होंने कहा कि इस पर उनको नई दिल्ली के साथ औपचारिक बातचीत जल्दी ही शुरू होने की उम्मीद है। ये जल्दी ही होगा क्योंकि मालदीव के लोगों ने किसी भी सैन्य उपस्थिति की अनुमति देने के लिए मुझे वोट नहीं दिया है। इसलिए हम उन्हें हटाने के लिए भारत सरकार से बात कर रहे हैं और मुझे यकीन है कि हम शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से ऐसा कर सकते हैं। मोइज्जू ने कहा कि उनका काम मालदीव को उसके विशाल समुद्री क्षेत्र में गश्त करने के लिए उपहार में दिए गए तीन विमानों को संचालित करने के लिए तैनात भारतीय सुरक्षाकर्मियों की एक इकाई को हटाना है।

मोइज्जू ने इस बार भारत के साथ-साथ चीन को भी दिया झटका

बता दें कि दक्षिण एशिया में अपने पुराने समुद्र तटों और शानदार रिसॉर्ट्स के लिए पहचान रखने वाला मालदीव एक जियो पॉलिटिकल हॉटस्पॉट भी बना हुआ है। वैश्विक पूर्व-पश्चिम शिपिंग लेन देश की 1,192 छोटे मूंगा द्वीपों की श्रृंखला से होकर गुजरती हैं, जो करीब 800 किलोमीटर तक फैली हैं। भारत और चीन की मालदीव पर नजर है क्योंकि हिंद महासागर के एक बड़े हिस्से की निगरानी के लिए मालदीव रणनीतिक रूप से अहम है। 2018 में मालदीव की सत्ता संभालने वाले इब्राहिम सालेह ने राष्ट्रपति बनने के बाद भारत के साथ रिश्तों को अहमियत दी थी लेकिन नए प्रेसीडेंट मोइज्जू ने इब्राहिम सोलिह की इंडिया फर्स्ट नीति को मालदीव के लिए खतरा कहा है। मोइज्जू चीन के साथ नजदीकी संबंधों का समर्थन करते रहे हैं।
 

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