अब इंसान समझ पाएगा जानवरों की भाषा! कुत्ते के भौकने पर पता लगा पाएंगे उसकी बात

पेट पैरेट्स अपने पेट्स का हर जरूरत को पूरा करते हैं. लेकिन समझ नहीं पाते की वो बोलना क्या चाह रहे हैं. बिल्ली के म्याऊं और कुत्ते के भौंकने के पीछे के अर्थ को समझने की कोशिश करते हैं और काफी हद तक समझ भी जाते हैं. लेकिन काफी समय लगता है. लेकिन बहुत जल्द पेट पैरेट्स जानवरों अपने पेट्स की भाषा समझ पाएंगे. हालिया रिसर्च में वैज्ञानिक जानवरों की भाषा को समझने के लिए AI का उपयोग कर रहे हैं.
अब इंसान द्वारा समझी जाएगी जानवरों की भाषा!
लंदन के लिंकन विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सा व्यवहार चिकित्सा के प्रोफेसर डैनियल मिल्स का कहना है कि एआई हमें अपने पालतू जानवरों की भावनाओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद कर सकता है. मिल्स ने द गार्जियन को बताया कि एआई का उपयोग पालतू जानवरों के चेहरे के भावों, शरीर की भाषा और अन्य व्यवहारों को पढ़ने के लिए किया जा सकता है. इससे हमें यह समझने में मदद मिल सकती है कि हमारे पालतू जानवर क्या महसूस कर रहे हैं और क्या चाहते हैं.
अध्ययन मे आया ये सच सामने
हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि बिल्लियां अन्य बिल्लियों के साथ बातचीत करते समय 276 चेहरे के भाव प्रदर्शित करती हैं. यह संख्या मनुष्यों के द्वारा प्रदर्शित किए जाने वाले चेहरे के भावों की संख्या से कहीं अधिक है. ल्योन कॉलेज में सहायक मनोविज्ञान प्रोफेसर डॉ. ब्रिटनी फ्लोर्कीविक्ज ने इस बात पर जोर दिया कि बिल्लियों की चेहरे की अभिव्यक्तियां मनुष्यों की तुलना में अलग होती हैं. यहीं नई AI रिसर्च कदम रखती है, जो बारीकियों पर नजर रखती है.
पता चल सकते है जानवरों के ईमोशन
मिल्स ने दावा किया कि AI के इस्तेमाल से कान की पोजीशन से इमोशन्स को समझा जा सकता है. डैनियल मिल्स और उनकी टीम एआई का उपयोग बिल्लियों, कुत्तों और घोड़ों के चेहरे के भावों से भावनात्मक स्थिति का पता लगाने के लिए कर रही हैं. एआई का उपयोग दूध देने के दौरान दर्द के संकेतों के लिए गायों के चेहरे के भावों की जांच करने के लिए किया जा सकता है. यह जानकारी यह सुनिश्चित करने में मदद कर सकती है कि गायों को दूध देने के दौरान दर्द न हो.
पशु संचार को समझना एक जटिल कार्य है. जानवरों के पास मनुष्यों के समान संचार के तरीके नहीं होते हैं, और उनकी भाषा अक्सर जटिल होती है. एआई पशु संचार को समझने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण है. एआई का उपयोग जानवरों के स्वरों, चेहरे के भावों और शरीर की भाषा को विश्लेषण करने के लिए किया जा सकता है. इससे हमें यह समझने में मदद मिल सकती है कि जानवर एक-दूसरे के साथ कैसे संवाद करते हैं.