78 ट्रिलियन रुपये हुआ पाकिस्तान का कर्ज,एक्सपर्ट्स दे रहे वार्निंग!कंगाली में डूबा जिन्ना का देश

पाकिस्तान का कुल कर्ज अब 78 ट्रिलियन रुपये हो गया है। पाकिस्तान की आर्थिक हालत पहले से ही खराब है। लेकिन अब उसके लिए एक बुरी खबर आई है। पाकिस्तान का कर्ज रॉकेट की स्पीड से बढ़ा है। पिछले वर्ष पाकिस्तान का कर्ज और देनदारियां 26 फीसदी बढ़ी हैं। 
 
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Nodpot News पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था आज के समय पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। पाकिस्तान ने दोस्तों से कर्ज लेकर अपने विदेशी मुद्रा भंडार को भले ही बढ़ा लिया हो, लेकिन उसके कर्जे रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। पाकिस्तान का कुल कर्ज और देनदारियां पिछले वर्ष 26 फीसदी की अस्थिर दर के साथ बढ़ी हैं। यह अब 78 ट्रिलियन रुपये के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। यह कर्ज इतना ज्यादा है कि अगर इसे रीस्ट्रक्चर नहीं किया गया तो लंबे समय तक मैनेज नहीं किया जा सकता।

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Pakistan Economic Crisis:स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) ने बताया कि पिछले साल की तुलना में सितंबर के अंत तक देश का कर्ज और देनदारियां 16 ट्रिलियन रुपये बढ़ा है। कर्ज के बढ़ने के कई कारण हैं, जिनमें टार्गेट से कम का टैक्स कलेक्शन, तेजी से गिरती पाकिस्तानी रुपये की कीमत, उच्च ब्याज दरें, बढ़ा हुआ खर्ज और सरकारी कंपनियों का घाटा या फिर उनका कुप्रबंधन शामिल है। पाकिस्तानी न्यूज आउटलेट ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल सितंबर से औसतन हर रोज 44 अरब रुपये कर्ज बढ़ा है।

 

कागजों पर कर्ज रोकने के उपाय

इस्लामाबाद: कर्ज रोकने के सभी उपाय सिर्फ कागजों पर रह गए हैं। किसी भी सरकार ने कर्ज लेने को रोकने से जुड़े सार्थक उपाय लागू नहीं किए हैं। देश की कोई भी पार्टी इस मुश्किल काम को नहीं करना चाहती। लगाता बढ़ रहे कर्ज का देश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और बुनियादी ढांचे के विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर भी सरकार ध्यान नहीं दे पा रही। एक्सपर्ट्स चेतावनी दे रहे हैं कि जिस हिसाब से पाकिस्तान का कर्ज बढ़ रहा है वह उसे आर्थिक तौर पर अस्थिर कर सकते हैं


क्या कर सकता है पाकिस्तान


इस मुद्दे का जल्द से जल्द समाधान चाहने के लिए सरकार को व्यय कम करने, टैक्स कलेक्शन बढ़ाने और सरकार की कंपनियों में जरूरी सुधार करने चाहिए। सितंबर के अंत तक पाकिस्तान का विदेशी ऋण और देनदारियां बढ़कर 128 अरब डॉलर हो गई, जो पिछले तीन महीनों में 3.4 अरब डॉलर की बढ़ोतरी है। पाकिस्तान का ऋण प्रबंधन ऑफिस क्षमता से कम पर काम कर रहा है। IMF और वर्ल्ड बैंक के कहने के बावजूद वित्त मंत्रालय इसे सुधारने के लिए इच्छुक नहीं है।
 

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